आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bap bete ivan turgenev ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bap bete ivan turgenev ebooks"
ग़ज़ल
कुछ मुझे अब ज़िंदगी अपनी नज़र आती नहीं
दोस्तो मुद्दत हुई उस की ख़बर आती नहीं
मोहम्मद अमान निसार
ग़ज़ल
कौन देखेगा भला इस में है रुस्वाई क्या
ख़्वाब में आने की भी तुम ने क़सम खाई क्या
जुरअत क़लंदर बख़्श
ग़ज़ल
आता है किस अंदाज़ से टुक नाज़ तो देखो
किस धज से क़दम पड़ता है अंदाज़ तो देखो